अपने हाथ में आया हुआ काम किसी भी हालत में जाने नहीं देना चाहिए चाहे उसके लिए कुछ भी त्यागना पड़े , ओवर टाइम करना पड़े , या रात भर जागना पड़े। चाहे वह काम कुछ भी हो। यह सीख मुझे नौकरी के दूसरे वर्ष में प्रथमेश नाम के एक टीम लीड ने दी थी यह सीख अब तक मेरे काम आती है। एक नया दौर इसे दोहराने का आया है। चौदह वर्षों के बाद फिर सब कुछ शुरू से शुरू करने का आया है।
कुछ कांटों से सज्जित जीवन,
प्रखर प्यार से वंचित यौवन,
नीरवता से मुखरित मधुबन,
परहित अर्पित अपना तन-मन,
जीवन को शत-शत आहुति में,
जलना होगा, गलना होगा.
क़दम मिलाकर चलना होगा.
-अटल जी
नए रोल और नए काम का शुभारंभ है जनवरी 2022