चौथा दिन
कुष्मांडेति चतुर्थकम्। जब कुछ भी नहीं था तब माँ कुष्मांडा ने सृष्टि की रचना की।
हमलोग जो माँ के सामने कुछ भी नहीं हैं, उन्हीं से ऊर्जा लेकर उनकी बनाई सृष्टि पर सृजन करते हैं, हम उनके ही अंश हैं। यह कितनी अच्छी बात है, सबकी एक माँ है । बिन माँ का कोई नहीं।
वह माँ सूर्य की किरणों से निकलती भुजाओं से हमें छूने आती है। हम छः या सात बजे भी उठें तो उनसे मिलने पाएँ लेकिन अपनी जड़ सुसप्तावस्था में लिप्त शरीर धक्के देकर उठने का आदी हो चला है। माँ कहती है मेरे नियम करो। तन्द्रा तोड़ो। आलस्य छोड़ो।
स्थिर सृजन की प्रतीक और अपनी मुस्कान से मन शांत करने वाली कुष्मांडा के दिवस पर विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस आया है। अनुपम ने आलेख लिखा है, मैंने उसका पोड़कास्ट स्वरूप तैयार किया , पोस्टर रिलीज़ हो चुका ” कैसे रखें मन का स्वास्थ”, पोड़कास्ट्स रिलीज़ होते से सूचना देंगे हम।
इन नौ दिनों में दो बार पाठ करने के लिए बैठने का नियम बनाया है। उस दिन वाले रंग की साड़ी या बढ़ियाँ कपड़े डाल कर तैयार भी होने की प्लानिंग शामिल है। मन खुश रहता है। शरीर एक्टिव रहता है।
आज The Indian Raaga के लिए दिल्ली विश्विद्यालय की संगीत की छात्रा आख्या सिंह से साक्षात्कार लिया जो शास्त्रीय संगीत में पारंगत हैं।
यह साक्षात्कार, सीरीज़ के पहले सीज़न का हिस्सा है जिसमें पहला इंटरव्यू बिलासपुर की श्रुति प्रभला का था। आरपा रेडियो एवं रेडियो प्लेबैक इंडिया की साझा एंकर संज्ञा टण्डन जी इन साक्षत्कारों की पूरी प्रस्तुति तैयार करती हैं। सीरीज़ में अगला साक्षत्कार प्रसिद्ध साहित्यकार गायिका निमिषा सिंहल जी का है। तमाम एपिसोड पहला सीज़न तैयार होने के बाद रेडियो प्लेबैक इंडिया के the indian raaga पर पब्लिश होंगे।
साक्षात्कार लेने का तरीका अपने पापा श्री प्रभात नारायण झा से बकायदा एक दिन ज़ूम कॉल लेकर सीखा है, उसके बाद साक्षत्कार के प्रश्न , लेने का तरीका और अन्य तकनीकी बातें समझ आयीं। यही वो कॉल थी जिसके दौरान मुझे महसूस हुआ था कि बाकी किसी बात के लिए नहीं सबसे पहले अपने पापा से बात करने के लिए हिंदी में स्नातकोत्तर की आवश्यकता थी।
शनिवार और रविवार तो छुट्टी होती है अब देखती हूँ इस सप्ताह कैसे फॉलो करती हूँ। ऑफिस के काम की लड़ी लगना शुरू होते से ऐसे चिपकती है जैसे बाल में च्विंगम।
उधर बॉस बोले हैं “the Phoenix project” और “the unicorn project” किताबें पढ़ कर project management में इम्पलीमेंट करो, किताब पढ़ने के लिये इसी हफ़्ते का समय दिया है, क्या मैं ये कर पाऊंगी, देखती हूँ।
अखिलेश झा जी की “निरुत्तर राम” मैथिली कविता आज के प्लानिंग से बैकलॉग बन कर कल के टू डू में ऐड की गयी है। “निरुत्तर राम” शानदार सृजन है, लोकभाषा में राम के समूचे अस्तित्व से प्रश्न अपने आप में भक्त को मिला सर्वोच्च अधिकार है जैसे भगवान के दरबार का लोकतंत्र । मैंने दो तीन बार सुनी है और हर बार वाह किया है। आप सब भी मैथीली कविता “निरूत्तर राम” की प्रतीक्षा में हैं तो शतदल रेडियो पर यह आने ही वाली है। कविता पढ़नी हो तो टेलीग्राम पर मणिकांत झा जी के मैथिल चैनल ( manpooranbhai ) पर उपलब्ध है।
सोसायटी में गरबा नहीं हो रहा। मनाही है।
महाराष्ट्र से कहीं कहीं गरबा की तस्वीरें देखने मिली। गरबा डांडिया कर रहे खुश लोग जल्द फिर लौटें डांस फ्लोर पर।
मेरी बहिन ईशा झा को आज बेस्ट गरबा performance का खिताब मिला, मूव्स तो लड़की में हैं ही , बहुत फ़ास्ट लर्नर है। फ़ोटो में सुंदर भी कितनी लग रही।
बहिन ईशा, माता की चौकी पर रोज़ फूल की रंगोली बनाती है। एक दिन स्वस्तिक, एक दिन ओम, एक दिन केवल गुल के दस्ते बिछाए, एक दिन माला की आकृति बना डाली, उसका मिथिला पेंटिंग का दिमाग दौड़ता जा रहा है। कल क्या बनाएगी देखती हूँ।
तस्वीर में एक और ईशा है , ईशा जैसवाल। कमाल की महिला है, उसके मेक अप, हेयरस्टाइल्स ड्रेसिंग सेंस का हुनर देख कर आपको लगेगा कि फ़िल्म एक्टर से कम नहीं है। माँ दुर्गा पर एक रील क्रिएट किया है , वाकई शानदार है। इंस्टाग्राम कंटेंट क्रिएटर हैं(ishajaiswal_11) , नृत्यांगना हैं, उनके रील बेहद शानदार और दमदार भी होते हैं।
इन तमाम बातों के बीच अपने दिमाग में चल रही बातों को रिकार्ड करते हुए मुझे नहीं मालूम मुझे ज़िन्दगी से क्या चाहिए। बस एक सुधार तुंरत करना है, बच्चों को दिया जाने वाला समय बढ़ना चाहिये।
कल यानी पांचवा दिन स्कंदमाता का है।कल सभी के लिए रंग सफ़ेद निर्धारित है।
इति।

