2012 में मैंने MCA की पढ़ाई और IT की नौकरी करने समय यह नहीं सोचा था कि मेरा हिंदी प्रेम मुझे एक दिन दूसरे स्नातकोत्तर की तरफ़ भी ले जाएगा , इतने वर्षों बाद 2021 में मुझे IGNOU से हिंदी में #MastersDegree #Hindi स्नातकोत्तर होकर बेहद खुशी हो रही है।
हिंदी पढ़ने की यात्रा में मेरे भीतर जो विकास हुए उनके लिए मैं भाषा के प्रति आजीवन आभारी रहूँगी। क़ई बार लगा अब नहीं होगा , घर बच्चे नौकरी सब हैं ऐसे में यह पढ़ाई पूरी तरह अनावश्यक… फिर भी मन मे एक आस है मैं हिंदी से NET करूँ, PHD शोध करूँ, किताबें लिखूँ इसलिए खुद को MA Hindi के साथ बनाये रखा।
पढ़ने के क्रम में यह जनना भी ज़रूरी है कि क्या पढ़ना चाहिए, यह बात उस विषय में आधिकारिक शिक्षा ग्रहण करने से अच्छे से समझ आती है।
हिंदी से स्नातकोत्तर करने के कारण मैं उन शब्दों, किताबों, विचारों और समझ को भी जी पायी जिनसे 1979-80 के दौर में मेरे मम्मी और पापा गुज़रे थे। अब मेरी मम्मी साथ नहीं मेरे लेकिन उनकी क्रांतिकारी सोच का राज़ भाषा की पढ़ाई से ही आता था यह मैं समझ गयी।
साथ ही जैसे-जैसे मेरी MA hindi की पढ़ाई पूरी हुई मुझे अचानक महसूस हुआ कि मेरे पिता के बात चीत में सम्प्रेषणीयता थोड़ी और बढ़ गयी, कि जैसे मुझे समझ आ रहा है कि वे क्या कहना चाहते हैं। ताज़्ज़ुब नहीं अगर वे चुप अख़बार पढ़ते रहे आजीवन, आखिर वो जो कहते उसे समझने का स्तर भी तो होना चाहिये। कहीं न कहीं लगता है जैसे पिता जी के स्तर पर बात करने के लिए यह पढ़ाई ज़रूरी थी।

अभी और आगे बढ़ना है, यह पहला सोपान था।
मेरे परिजन, मित्र , ऑफिस स्टाफ सबने बड़ा हौसला दिया तब जाकर पूरी हुई है MA , एक नई डिग्री 2021 में 2012 के बाद।
#रुक_जाना_नहीं#RukJananahi #RukJaanaNahi