रघुवर तुम दुखियन दुःख हारी - जय सिया राम
राम नवमी पर श्री राम जी आपसे कामना है कि समस्त मानवजाति पर पड़ी कोरोना विपदा का निवारण करें। हम भारतवासियों को धैर्य दें, हमारी सरकारों को सद्बुद्धि दें। कर्मचारियों को कर्मठ बनाएं। युवा बच्चे बूढ़े वयस्क सभी को देश भक्त बनाएं। भ्र्ष्टाचार की प्रवृत्ति से निजात दें, भ्र्ष्टाचार भारतीय घरों में कलयुग की तरह बैठ गया है जो हमसे ही निकल कर हमारी व्यवस्था में प्रवेश कर रहा है।
प्रभु श्री राम जी, आप सभी को ज़रूरत भर संसाधन मुहैया कराते रहें। साथ ही ज़रूरत से ज़्यादा बटोरने की कुबुद्धि हरण करें। इस गंभीर महामारी में लालच और काला बाज़ारी क़ी सुरसा मूँह फाड़े निर्बल जनता का सुख चैन छीन रही है। है प्रभु! सबको उनका हक दें। जीने का अधिकार दें।
चमत्कारी शक्तियों की अपेक्षा नहीं है आपसे बस बालकों को अनाथ होने से बचाएं, उनको प्रेम से पला कोमल हृदय का नागरिक बनने का अवसर दें। पितृसत्तात्मक समाज में पति पुत्रों पर निर्भर स्त्री की समस्या समझते हुए उनको भी असहाय होने से बचाएं। साथ ही उन परिवारों में स्त्रियों को सुदृढ़ करने की बुद्धि का संचार करें।
व्यक्ति को व्यक्ति से जोड़ने वाली बुद्धि का संचार करें। राम जी आप के नाम का पत्थर भी नहीं डूबता तो आपका नाम हृदय में रखने वाले लोगों को डूबने न दें। हमारा दिल समझने के लिए तो आपको नारों और हुंकारों की कभी ज़रूरत न थी। आप अंतर्यामी हैं आप पर भरोसा भी है। दुर्दिन और कष्ट देखे बहुत , जीवन को पटरी पर लाने का रामबाण दें। हे ईश्वर, परम पिता, कृपालु भजमन, मूढ़मति हम बच्चों को प्राण दान दें।
- प्रज्ञा मिश्र