इधर नींद खुली और
दरीचे पर चाँद था
मेरी तरफ़।
उधर आँख खुली और
साथ जगा सूरज
तुम्हारी तरफ।
हमारी घड़ियों में
बज रहे होंगे
बोरीवली के
छह बजकर तीस मिनट।
यह सारा घटनाक्रम
दो छोरों पर
एक ही समय में
घटित होता है
एक मेरा सच होता है
एक तुम्हारा सच होता है।
Pragya Mishra
तस्वीर साभार : Alok Ranjan