प्रतिवर्ष नए साल का आगमन अब बड़ी ननद सुषमा दीदी के ससुराल वालों के साथ ही मनाने की आदत हो गयी है।
विवाहोपरांत मुम्बई में बसने के बाद सोसायटी में ही मध्य रात्रि तक डिस्कोथेक और फ़ास्ट बॉलीवूड नम्बर पर बेजान होने तक झूमते रहे थे, मेरा दिल आज भी ऐसी रातों में बसता है, पंजाबी और इंडी पॉप धुनों पर मेरे पैर मेरे नहीं रहते और कोशिकाएं शरीर के अंदर से धक्का देने लगतीं है कि शुरू हो जायें मोहतरमा । ख़ैर कभी-कभी यूँ भी हुआ है कि बस टीवी देखा, बाहर से खाना आर्डर किया और देर रात प्रोग्राम देख सो गए।
वर्ष 2014 के बाद से करीब दो तीन साल ऐसा संजोग हुआ की मेरे जेठ जी नए साल पर एक जनवरी को जन्म दिन अपने माँ बाऊ जी के आशीर्वाद में हनुमत आराधना के साथ मनाने की इच्छा से मुम्बई आते रहे।
2014 से 2016 के दौरान ख़ूबसूरत याद सजायी हमने, मैंने और आलोक ने ये दिन हमारे बड़े सुपुत्र अभिज्ञान के सौभाग्य से अर्जे हैं ।मेरी सास एक बेहद सक्षम महिला हैं वे निर्भर रहना और कुशहर के समाज से कटे रहना बिल्कुल पसंद नहीं करतीं , फिर भी पोते की अच्छी परवरिश के लिए लगातार छ: वर्ष मुम्बई में रहीं थी, अभिज्ञान भी हमेशा आर्द्र नेत्र रखते हैं दादी के लिए, उनसे बात करते ही गला रुंधता है उनका। सास ससुर के सान्निध्य का असर ये हुआ की परिवारिक मेल मिलाप वाले आयोजन अधिक होते रहे।
मलाड रह रहीं ननद के यहाँ से बुलावा भी अब हर साल आने लगा उनके पारिवारिक गेट टुगेदर में मैं आलोक मम्मी जी बाबू जी शामिल होने लगे। परिवारिक आयोजन की तरह मनाया नया साल सभी उम्र के लोगों के आनंद का समावेश कर लेता है। अब समय जाते मैं भी इसमें रम गयी हूँ। हम सभी सत्तर प्रतिशत जल होते हैं, घुल जाते हैं।
दो बार हमने रिंकू जी के डांस स्टूडियो में सेलिब्रेट किया था शायद 2015 और 2016 में , उनकी वाइफ आस्था, अच्छे पार्टी गेम्स करा लेती हैं। मैं और आलोक, ठाकुर विलेज स्थित द फ्रेंच-कनेक्शन शॉप से न्यू ईयर केक ले जाते रहे हैं, पहले अपनी पसंद का पाइनएप्पल फ्रेश फ्रूट ही ले जाते थे । अब बच्चों की पसंद का चोको ट्रफल वगैरह ले जाते हैं।
भारतीय परिवार एक सुरक्षा कवच होते हैं जिसमें सक्षम युवा के किले की परकोटों में बुज़ुर्ग और बच्चे देखभाल के साथ आनंद पूर्वक बने रहते हैं और फलते फूलते हैं ।
मुंबई की विरासत में अपने बच्चों के लिए हम खेत नहीं छोड़ के जा सकते, उनके लिए रिश्तों की एक क्यारी तैयार कर के जाना श्रयस्कर है।
तस्वीर में बाएं से दाएं –रिंकू जी की दादी, रिंकू जी की मम्मी, आस्था, मोना, कौशिक,मिक्कू, पुनिता दीदी,नीलम दीदी,सुषमा दीदी, आराधना, अजय जीजा जी,अवधेश जीजा जी,प्रमोद जीजा जी, रेयान, मैं, आलोक, अंशू, अमरनाथ झा अंकल,मोनू सत्येंद्र मिश्र जीजा जी।
प्यारा परिवार💐👍😊
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🤐🤐🤐🎊🎉❤️💐💐🙏
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