हाँ ये अलग बात है कि आप कहें हम सर्विस कमीशन वाले हैं और छठी की किताब से दोबारा शुरू करेंगे लेकिन हकीकत में ज़िन्दगी की किताब से एक दिन का पन्ना निकल गया तो निकल गया ।

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