गूँज में हम बुधवार को क्षणिका लिखते हैं, आज का शब्द था शक्ति।मैंने नीचे दी गयी क्षणिका लिखी।
शक्ति
माँ है,
विद्या है,
ऊर्जा है,
मैं हूँ,
आप हैं,
होने का
प्रमाण है।
एक अणु
से परम अणु
बनने का
विधान है।
सिंचित करें।
न क्षय करें
व्यर्थ पाले
व्यवधान में।
“न क्षय करें
व्यर्थ पाले व्यवधान में।”
आधुनिक जीवन शैली में हमने ऐसे सामान जुटा लिए हैं जो प्रगतिशील और हाई लिविंग स्टैंडर्ड के नाम पर हमारी एकग्रता की शक्ति का हरण करता है।
दृढ़निश्चयता की शक्ति का हरण करता है।
हमने इन्हें शौक से जुटाया है।
नेटफ्लिक्स के सी.ई.ओ. का खुले तौर पर दिया वाक्य ध्यान रहे, उनका कम्पीटिशन किसी और कम्पनी से नहीं हमारी नींद से है।
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#प्रज्ञा
Exilent ji
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