ये बसंत के बोगनविल,
हैं हर मौसम के बोगनविल
दीवारों पर लुढ़के खिले कंटीले
सुरक्षाकवच हुए बोगनविल
अलसाये धूप सेकते
सफेद से होते गुलाबी
मेरे कैमरे से देखिए
कांदिवली रहेजा के
आबाद बोगनविल

दीवारों पे केहुनी गड़ाए
गालों पे रखे हाथ
आती जाती गाड़ियों को
देखना चाहते हैं बोगेन्विल
निर्बाध फैलना चाहते हैं बोगनविल
गमलों में न लगायें जायें बोगेन्विल

लैटिन अमरीका से आया
लैंडस्केप प्लांट बोगनविलिया
भारत में कहलाता बोगनविल

तीन सौ से अधिक प्रजातियों वाले बोगेलविलिया जीन्स में इस चित्र में जो हम देख रहे हैं वो है बोगेनविलिया ग्लाब्रा। यह लाल, गुलाबी, पीला, बैंगनी और उजले रंगों में पाया जाता है। इसकी खासियत यह है कि इसमें कीड़े जल्दी नहीं लगते और पानी कम लगता है। यह खारी मिट्टी में अच्छा उगता है तो तटीय क्षेत्रों में खासा लगाया जाता है। अधिकतर यह लैंडस्केप प्लांट (landscape plant) स्थापत्यों की शोभा बढ़ाते हैं। वनस्पति विज्ञान में यह पौधा ब्रैक्ट अथवा ब्रेक्टीओल के लिए उद्धरित किये जाते हैं। इसके फूलों के उगने की एक खास व्यवस्था(इनफ्लोरेसेन्स) होती है, सफेद रंग के छोटे फूल , रंगीन पत्तियों के बीचों बीच उगते हैं। रंगीन पत्तियों की बनावट कागज़ के जैसी होती है इसलिए इसे कागज़ के फूल भी कहते हैं।

माना जाता है कि फिलिबर्ट कोमरकोन(Philibert Commerçon)पहले यूरोपीय थे जिन्होंने इन पौधों की व्याख्या की थी। कोमरकोन वनस्पति वज्ञानिक थे , वे फ्रांसीसी नौसेना एडमिरल लुई अंतोइने दे बोगेन्विलिया का साथ एक लम्बी समुद्री यात्रा पर धरती का नौ-परिचालन कर रहे थे( circumnavigation of earth)।

यह भी मुमकिन माना जाता है कि बोगेन्विल के फूलों को सबसे पहले समझने वाली एक यूरोपीय महिला जीएन बर(Jeanne Baré) थीं। वे भी वनस्पति वैज्ञानिक थीं और कोमरकोन की प्रेमिका एवम सहायिका थीं ।चूँकि उस समय स्त्रियों को लम्बी समुद्री यात्रा की आज्ञा नहीं थी इसलिए वे कोमरकोन के साथ वेश बदल कर उनकी साथी पुरूष मित्र बन कर गयीं। इस तरह वे धरती का भू चक्रण करने वाली प्रथम महिला भी बनीं।

बोगनबिलिया की सबसे प्रचलित प्रजाति का वैज्ञानिक नाम बोगेन्विलिया ग्लाब्रा है। जिसमें बोगेन्विलिया जीनस है और ग्लाब्रा उसकी एक प्रजाति (एक जैसी प्रजातियों के समूह को जीनस कहते हैं पैंथेरा लीयो और पैंथेरा टिगरिस)।

कोमरकोन की व्याख्या के बीस साल बाद बोगनविलिया के तथ्यों का पहला आधिकारिक वर्णन सन 1798 में लिखा मिलता है।बहुत सारे नामों से बुलाये जाने के पश्चात 1930 में इस जीनस की आधिकारिक अंग्रेज़ी वर्तनी “bogainvillea” निर्धारित कर दी गयी।भारत में इसे बोगनविल (Bogainville)कहा जाता है।

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