आज रंग है माँ
आज रंग है।
किसी में है कोई खुशनुमायी
किसी में है कोई दिलरुबाई
मगर ब-ओ-साफ़-ए-किब्रिआयी
सनम सरापा तुम्ही को देखा।
मैं तो ऐसो रंग और नहीं देखी
सखी री महबूबे इलाही
ऐसो रंग नहीं देखी
मैं तो ऐसो रंग और नहीं देखी
सखी री महबूबे इलाही
ऐसो रंग नहीं देखी।
#ख़ुसरो #दस्तानगोअंकित #वैलेन्टाईनसन्देश