ये सप्ताह कब शुरू होकर ख़त्म होने को आया पता
नहीं और एक शुक्रवार इतना लम्बा बीतता है कि जैसे
शनिवार न जाने कितने दिन बाद आया हो ।
फूँक मारिये दो दिन गायब , अजी मज़ा आता है
वीकेन्ड की दुनिया में।
वीकडे में ज़िन्दगी जीने का तरीका है या वीकेंड में
ज़िन्दगी जीने का मज़ा ये बात तय करना थोड़ी
मुश्किल हो जाती है।