अमर रहें चन्द्रप्रभा
जीता रहे चन्द्रालय
कुछ हिस्से बम्बई पूना से
कुछ दिल्ली वाले होकर
कुछ बिहार में सोते उठते
कुछ एम पी वाले बनकर
देश बिदेश में नाम कमाने
नामे रौशन करकर
जहाँ गए हम रूप
तुम्हारा साथ गया है
परिवार का आकार लेकर
ये जाता जाएगा
नए नए काम करने अलग अलग
नामों से चाँद प्रभा बनकर।

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