कैसे कैसे बचपन
तुम्हारी किताब में बंद गुलाब के सूखे फूल
अलमारी में एक तह लगे खिलौनो के सेट
नहीं रहे मेरे होने में
मिले मुझे कीड़े लगे चने
छाँट कर बढ़ा देने को और
ऊँघती पसीने की बदबू
ट्रेन और बसों में
एक बचपन काटने के लिए
तुम आबाद हुए और मेरी
कलम फली फूली
बहुत दिया ऊपर वाले ने
याद में सँजोने के लिए
किसी का कुछ घाटा नहीं है
कोई खाली हाथ जाता नहीं है
तुम्हारे तोहफे शीशों में बंद
शान बढ़ाते हैं हाकिम हो
कोई ढूँढता ही जाता है
ताखों पर गिरे टूटे
चश्मे बनवाने के लिए।
11 Jan 2019
वाह
बचपन पर उम्दा पंक्तिया
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बेहद शुक्रिया
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