मैं जहां रहूंगी वहाँ क्या मिलेगा
डायरी मिलेगी
याद का पन्ना मिलेगा
और पीने का पानी।
एक एक घूँट पर
मस्तिष्क से तितली उड़ेगी
खाबों का पुलिंदा बनेगा
धागा धागा रेशम बुनती
नींद लिपट जाएगी
बैंगनी साटिन की सलवटों से।
#प्रज्ञा
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