खेती बस नील की होने लगी ,
किसान खाने भी लगे
लोग पचाने भी लगे
एवोल्यूशन हो गया है,
रेवोल्यूशन नहीं लगेगा।
जनता सब साइज के जूतों में फिट हो रही है,
बस खड़ा होकर सलाम कहना है
उसके लिए दौड़कर नापना नहीं पड़ता,
एड़ी में घिस नहीं पड़ती।
सामने घास बिछती है,
प्लास्टिक की हरी हरी,
उसी में बकरी चराइये,
नो नीड टु गो एनीवेयर ,
यह देखिये विकास
जस्ट थिंक बिग
सब अच्छा लगेगा।