सागर में कितने मोती हैं

कुछ मछुआरे लाते हैं

कुछ तुम तक पहुंचाएं जाते हैं

तुम कुछ धारण करते हो

कुछ अलमारी में धरते हो

जितना भी अर्जन कर पाए

वो सदैव ही कम होगा।

पारावार नहीं भंडारों के

स्वाति नक्षत्र की बूंदों का।

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